रचनात्मकता के लिए बच्चों को अभिव्यक्ति के अवसर देने होगें: डॉ. चमोला

विभिन्न रचनात्मक गतिविधियाँ बच्चों को अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान करने और उनकी प्रतिभाओं को निखारने की दृष्टि से महत्वपूर्ण होती हैं। इसलिए बच्चों को अभिव्यक्ति के अवसर देने ही होंगें। यह बात साहित्यकार एवं शिक्षाविद  डा. उमेश चमोला  ने कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय कोरुवा , देहरादून में आयोजित पाँच दिवसीय हिन्दी कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए।

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कोरुवा में व्यावसायिक प्रशिक्षण के अंतर्गत पांच दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डा. उमेश चमोला ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्य चर्या की रूपरेखा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इन गतिविधियों को पाठ्य क्रियाकलाप के रूप में संचालित करने पर बल देती हैं।

कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. उर्मिला धीमान ने कहा कि यह आवासीय विद्यालय बालिकाओं के सर्वागीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान में यहाँ 150 बालिकाएं कक्षा 6 से 12 तक पढ़ रही हैं। शैक्षिक सत्र 2025 -26 में व्यावसायिक प्रशिक्षण /जीवन कौशल प्रशिक्षण के अंतर्गत छात्रों को आर्ट एंड क्राफ्ट ,फूड प्रोसेसिंग, लोक वाद्य प्रशिक्षण , हिंदी लेखन, लिपपण व रेजिन आर्ट आदि प्रशिक्षण दिया जा रहा है।इस हिन्दी कार्यशाला में कक्षा 6 से 8 तक की 90 छात्राओं ने रचनात्मक गतिविधियों में योगदान दिया है। पाँच दिवसीय कार्यशाला में सन्दर्भदाता के रूप में कार्य कर रहे उदय किरोला सम्पादक बाल प्रहरी ने बताया कि बाल प्रहरी के तत्वावधान में देश के 16 राज्यों में अभी तक 332 पाँच दिवसीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है। कोरोना काल के बाद बाल प्रहरी द्वारा अभी तक 1351 कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों को रचनात्मक मंच प्रदान किया जा चुका हैं। कार्यशाला में सन्दर्भदाता द्वारा बच्चों को कहानी, कविता और निबंध की जानकारी दी गई।

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कार्यशाला में बच्चों ने बाल दर्पण, कोरवा दर्पण, बाल संसार और बाल मन नाम से दीवार पत्रिकाओं का निर्माण किया। समापन के अवसर पर बच्चों द्वारा तैयार हस्त लिखित पत्रिका कस्तूरबा दर्पण का भी मंचस्थ अतिथियों ने लोकार्पण किया। बच्चों ने पर्यावरण आधारित नुककड़ नाटक कुदरत का विज्ञान और मोबाइल टन टनाटन को प्रस्तुत किया। सन्दर्भदाता द्वारा बच्चों को ओरेगगेमी के तहत अख़बार के मोड़ से रेखागणित समझाया गया। इस अवसर पर बच्चों ने ज्ञान का दिया जलाने, पेड़ हैं सांसे, रास्ता हैं लम्बा भाई समूह गीत प्रस्तुत किए। कार्यशाला में 88 बच्चों द्वारा बाल प्रहरी, बाल मन, बाल वाटिका, बाल मुस्कान आदि नामों से तैयार हस्त लिखित पत्रिकाओं की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही।

कार्यशाला में हर दिन की अध्यक्षता अलग – बच्चों द्वारा की गई। समापन के अवसर पर 16 बच्चों ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कक्षा आठ की छात्रा परिधि जोशी और संचालन कक्षा 8 की छात्रा ऋषिता चौहान व नव्या चौहान ने किया। समापन अवसर पर श्रीमती विनीता तोमर ग्राम प्रधान कोरुवा , अंकिता, रमेशा, अर्चना,प्रेरणा, चुन्नू, आदि उपस्थित रहे।

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