विश्व संवाद केंद्र देहरादून द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि आजादी के बाद के 75 वर्षों के कालखंड में वर्तमान समय भारत की पुनर्प्रतिष्ठा का समय है। हमारा देश प्राचीनकाल से ही शास्वत, सनातन संस्कृति का संवाहक रहा है, जिसने पूरे विश्व को जीवन-मूल्यों और मानवतावाद का पाठ पढ़ाया है। यही कारण है कि आज सारे विश्व में पूरब से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक हमारे सांस्कृतिक चिह्न मिल रहे हैं।
पारिवारिक मूल्यों की बात करते हुए उन्होंने कहा कहा कि औरंगजेब भी अपने चार भाइयों में एक था और श्री राम ,लक्ष्मण, भरत ,शत्रुघ्न भी चार भाई थे । जहां एक और औरंगजेब ने अपने तीनों भाइयों को मरवा दिया वहीं दूसरी ओर पिता की इच्छा मात्र के लिए राम और लक्ष्मण वन को चले गए । भरत ने भी बड़े भाई की खड़ाऊ के सहारे उन्हीं के नाम पर राज्य का संचालन किया । अब हमें विचार करना चाहिए कि हम कैसा परिवार चाहते हैं औरंगजेब जैसा या श्री राम के जैसा ? विश्व भर में भारतीय मेधा के योगदान पर बोलते हुए उन्होंने कहा किज्ञान और विज्ञान का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां भारतीय प्रतिभा का गुणगान ना हो रहा हो।
इस अवसर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले कुछ पत्रकारों को सम्मानित भी किया गया। सम्मानित होने वाले पत्रकारों में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया से वरिष्ठ पत्रकार राकेश खंडूरी, भूपेंद्र कंडारी, परितोष किमोठी , अफजाल अहमद ,भारती सकलानी उनियाल, अधीर यादव और शैलेश नौटियाल शामिल थे ।
पत्रिका हिमालय हुंकार के आजादी के अमृत महोत्सव विशेषांक का विमोचन :
इसके साथ ही विश्व संवाद केंद्र की पाक्षिक पत्रिका हिमालय हुंकार के आजादी के अमृत महोत्सव विशेषांक का विमोचन भी किया गया। पत्रिका का सम्पादन वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक रणजीत सिंह ज्याला एवं आलोक डंगवाल ने किया है।
कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए इस अवसर पर #विश्व संवाद केंद्र के निदेशक विजय कुमार ने कहा कि नारद ऋषि आद्य पत्रकार थे । भले ही फिल्म और मीडिया में उनकी छवि को एक विदूषक के रूप में दर्शाया जाता रहा , लेकिन वह जगत हितैषी और निष्पक्ष पत्रकार थे। पत्रकारिता की शुरुआत का श्रेय यदि किसी को दिया जा सकता है तो वह नारद जी ही थे ,यही कारण है कि हिंदी के प्रथम समाचार पत्र उदंत मार्तंड का प्रकाशन भी नारद जयंती के अवसर पर ही शुरू किया गया था। इसीलिए #नारद जयंती को पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरोग्यम एजुकेशनल ट्रस्ट, रुड़की के संदीप केडिया थे ,जो वर्तमान में चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर विश्व संवाद केंद्र के निदेशक विजय कुमार , अध्यक्ष सुरेंद्र मित्तल,राज्यसभा सांसद नरेश बंसल , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक युद्धवीर जी, विभाग प्रचारक भगवती जी ,भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विपुल मैंदोली ,राजकुमार ,बलदेव पवार, शिक्षाविद बी. पी. मैंदोली सहित देहरादून महानगर के कई प्रबुद्ध नागरिक, पत्रकार और लेखक उपस्थित थे ।