आपदा प्रबंधन पर पुस्तक लेखन कार्यशाला का समापन,कक्षा 9 के पाठ्यक्रम में होगी शामिल

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखंड द्वारा कक्षा 9 के छात्रों के लिए आपदा प्रबंधन विषय पर लिखी जा रही पुस्तक लेखन कार्यशाला का आज समापन हो गया।

उत्तराखंड राज्य की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एससीईआरटी उत्तराखंड द्वारा कक्षा 9 के बच्चों के लिए आपदा प्रबंधन पर यह पुस्तक लेखन कार्यशाला विगत पांच जुलाई से आज अजीम प्रेमजी फाउंडेशन सभागार में जारी थी।

कार्यशाला के दौरान पूरे प्रदेश से चयनित विषय विशेषज्ञों द्वारा 5 दिनों तक गहन विचार विमर्श कर उत्तराखंड के संदर्भ में आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए पुस्तक लेखन किया गया। कार्यशाला में  निदेशक अकादमिक शोध एवं  प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल, संयुक्त निदेशक आशा रानी पैन्यूली, सहायक निदेशक डॉ. के. एन  बिजल्वाण ने लगातार मार्गदर्शक की भूमिका अदा करते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

आज कार्यशाला के अंतिम दिवस पर निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल ने सभी लेखकों से उनके द्वारा लिखित पाठों पर गहन विचार विमर्श कर अपने सुझाव दिए।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है । आपदाओं से बचाव के प्रति बच्चों को बचपन से ही जागरूक किया जाना चाहिए । इस दिशा में एससीईआरटी द्वारा विकसित आपदा प्रबंधन पुस्तक कारगर सिद्ध होगी ।

निदेशक माध्यमिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल ने कहा कि यह पुस्तक संपूर्ण उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेगी । इसमें मैदानी क्षेत्र और पहाड़ की आपदा के स्वरूप में जो अंतर होता है ,उसकी भी बच्चों को जानकारी दी जाएगी।

संयुक्त निदेशक आशा रानी पेन्यूली ने कहा कि आपदा प्रबंधन की पुस्तक में विषय सामग्री के साथ-साथ बच्चों को प्रोजेक्ट कार्य भी दिए गए हैं जो उनके कौशलों के विकास की दृष्टि से उपयोगी सिद्ध होंगे । इससे उनका मूल्यांकन करने में सहायता मिलेगी।

कार्यशाला के मुख्य समन्वयक सोहन सिंह नेगी और सह समन्वयक डॉक्टर शक्ति प्रसाद सेमल्टी ने बताया कि प्रथम चरण में कक्षा 9 हेतु आपदा प्रबंधन की पुस्तक तैयार की जा रही है । इसके बाद कक्षा 10 के विद्यार्थियों के लिए भी आपदा प्रबंधन की पुस्तक पर कार्य किया जाएगा ।इस पुस्तक में आपदा प्रबंधन के घटक, आपदा के प्रकार, आपदा न्यूनीकरण , आपदाओं के प्रकार और कारण , सड़क सुरक्षा ,आपदा प्रबंधन में समुदाय की भूमिका जैसे बिंदुओं को समाहित किया गया है।

समापन सत्र में सहायक निदेशक डॉ कृष्णानंद बिजल्वाण ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक उत्तराखंड की आवश्यकताओ को पूरा करने में सहायक होगी।

पुस्तक लेखन में विशेषज्ञों के रूप में डॉ. उमेश चमोला ,डॉ. दिनेश रतूड़ी, प्रदीप बहुगुणा, सुरेंद्र आर्यन ,डॉ. दीपक मेहता ,रविंद्र रौतेला ,गिरीश सुंद्रियाल ,डॉ राकेश गैरोला, डॉ. बुद्धि प्रसाद भट्ट, डॉ.अवनीश उनियाल,अखिलेश डोभाल सुशील गैरोला ,अरुण थपलियाल , रवि दर्शन तोपाल और बलवंत सिंह नेगी के साथ-साथ चित्रकार अवनीश सिंह ,संजय रावत और हेमलता बिष्ट के द्वारा कार्य किया गया। सोहन रावत, राजकुमार और सिद्धार्थ द्वारा तकनीकी सहयोग दिया गया।

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