संस्कार और आधुनिकता: प्रेरक कथा

माँ जी ने फ़ोन पर बताया था, तीन लाख जमा करने हैं। मेरे पास दो लाख थे। बाकी मैंने अपने भैया से मंगवा लिए हैं। टिफिन में सिर्फ़ एक ही डिब्बे में खाना है बाकी में पैसे हैं।” खुशबू ने थैला टिफिन सहित उसके हाथों में थमा दिया।

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