राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की पहल, मुख्य संदर्भदाताओं का सात दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ..

सपोर्ट टू प्री प्राइमरी कार्यक्रम के अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के बालवाटिका के सन्दर्भ में प्रशिक्षण हेतु मुख्य सन्दर्भदाताओं का सात दिवसीय प्रशिक्षण आज स्टेट कैम्पिंग सेन्टर भारत स्काउट एवं गाइड उत्तराखण्ड भोपालपानी देहरादून में आज आरंभ हुआ।

State level key resource person training by scert Uttarakhand for anganwadi workers

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए अपर निदेशक एस॰सी॰ई॰आर॰टी॰ उत्तराखण्ड डाॅ॰ आर॰डी॰ शर्मा ने कहा कि बाल्यावस्था में बच्चों का विकास बहुत तेजी से होता है। इस अवस्था में बच्चों के सम्पूर्ण विकास को बढ़ाने के लिए किये गये प्रयास भविष्य के लिए आधार शिला का कार्य करते है। बाल्यावस्था में बच्चों के सर्वागींण विकास को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बुनियादी शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुपरेखा तैयार की गई है। इसमें बच्चों के सर्वागींण विकास में समुदाय एवं अभिभावकों की भूमिका को भी समझाया गया है।


संयुक्त निदेशक, एस॰सी॰ई॰आर॰टी॰ उत्तराखण्ड आशारानी पैन्यूली ने कहा कि प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल के अन्तर्गत बच्चों के विकास से सम्बन्धित सभी पक्षों जैसे शारीरिक विकास भावनात्मक और बौद्धिक विकास के सुदृढीकरण पर बल दिया गया है। उन्होनें प्रशिक्षण के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण में प्राथमिक स्तर के शिक्षक महिला सशक्तीकरण विभाग के अधिकारी, पर्यवेक्षक और डायट के शिक्षक भाग ले रहे है, उनके द्वारा जिला स्तर पर द्वितीय चरण में प्रशिक्षण चलाया जाएगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में दिए गए निर्देशों के अनुरुप उत्तराखण्ड राज्य में 4457 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का प्रशिक्षण चलाया जाना है।
उप निदेशक, एस॰सी॰ई॰आर॰टी॰ उत्तराखण्ड श्रीमती किरन बहुखण्डी ने कहा कि इस प्रशिक्षण में खेल आधारित गतिविधियों पर बल दिया जाएगा। इसमें आनंददायी वातावरण में प्रतिभागियों को सीखने के अवसर दिये जायेगें।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम के समन्वयक अखिलेश डोभाल ने कहा कि प्रशिक्षण में विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों का भ्रमण किया जाएगा जिससे आंगनवाड़ी से जुड़ी हुई प्रशिक्षण आवश्यकता की पहचान की जा सके।
सहायक निदेशक, एस॰सी॰ई॰आर॰टी॰ उत्तराखण्ड श्रीमती अनिता द्विवेदी ने आशा व्यक्त की इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्रारम्भिक शिक्षा के नामांकन, ठहराव एवं गुणवत्ता युक्त शिक्षा का उद्देश्य पूरा होगा।


सात दिवसीय इस प्रशिक्षण में विशेषज्ञ के रुप में विभिन्न सत्रों में अनिता द्विवेदी, डाॅ॰ गंगा घुघत्याल, डाॅ॰ दिनेश रतूड़ी, अनुज्ञा पैन्यूली, डाॅ॰ उमेश चमोला, डाॅ॰ आलोक प्रभा पाण्डेय, डाॅ॰ कृष्णानन्द बिजल्वाण, अखिलेश डोभाल, डाॅ॰ विजय रावत, मोनिका गौड, मनोज कुमार महार, मनीषा रावत, शाशि पोखरियाल, दीपिका पंवार अपने विचार व्यक्त करेंगे

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